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Tuesday, May 12, 2020

Chemical reaction and equationsEnglish,Hindi|| part-Iclass 10&8 Hasan Jawed

Wednesday, May 6, 2020

Story of a boy who is very angry

बहुत समय पहले की बात है, एक गााँव में एक लडका रहता था. वह बहुत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात
पर अपिा आप खो बैठता और लोगों को भला-बरा कह देता. उसकी इस आदत से परेशाि होकर एक हदि ु
उसके पपता िे उसे कीलों से भरा हुआ एक थलै ा हदया और कहा कक , ” अब जब भी तुम्हे गुस्सा आये तो
तुम इस थलै े में से एक कील निकालिा और बाडे में ठोक देिा.”
पहले हदि उस लडके को चालीस बार गुस्सा ककया और इतिी ही कीलें बाडे में ठोंक दी.पर धीरे-धीरे कीलों
की सिंख्या घटिे लगी,उसे लगिे लगा की कीलें ठोंकिे में इतिी मेहित करिे से अच्छा है कक अपिे क्रोध
पर काबूककया जाए और अगले कुछ हफ्तों में उसिे अपिे गुस्से पर बहुत हद्द तक काबूकरिा सीख
ललया. और किर एक हदि ऐसा आया कक उस लडके िे पूरे हदि में एक बार भी अपिा temper िहीिं loose
ककया.
जब उसिे अपिे पपता को ये बात बताई तो उन्होंिे िे किर उसे एक काम दे हदया, उन्होंिे कहा कक ,” अब
हर उस हदि जजस हदि तुम एक बार भी गुस्सा िा करो इस बाडे से एक कील निकाल निकाल देिा.”
लडके िे ऐसा ही ककया, और बहुत समय बाद वो हदि भी आ गया जब लडके िे बाडे में लगी आखखरी कील
भी निकाल दी, और अपिे पपता को खशु ी से ये बात बतायी.
तब पपताजी उसका हाथ पकडकर उस बाडे के पास ले गए, और बोले, ” बेटे तुमिे बहुत अच्छा काम ककया है,
लेककि क्या तुम बाडे में हुए छेदों को देख पा रहे हो. अब वो बाडा कभी भी वैसा िहीिं बि सकता जैसा वो
पहले था.जब तुम क्रोध में कुछ कहते हो तो वो शब्द भी इसी तरह सामिे वाले व्यजक्त पर गहरे घाव छोड
जाते हैं.”
इसललए अगली बार अपिा temper loose करिे से पहले सोचचये कक क्या आप भी उस बाडे में और कीलें
ठोकिा चाहते हैं !!!

Some important Branch of Biology Hindi, English||

Some important Branch of Biology Hindi, English||

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Tuesday, May 5, 2020

Butterfly struggle

Butterfly Struggle Story

एक बार एक बच्चे को अपने बगीचे में किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून (Butterfly Cocoon) दिखाई पड़ा । वह प्रतिदिन उस कोकून को देखने लगा, एक दिन उसने ध्यान दिया तो पता चला कि उस कोकून में एक छोटा-सा-छेद बन गया है । उस दिन वह वहीं बैठ गया और घंटों उसे देखता रहा । उसने देखा कि एक तितली (Butterfly) उस खोल से बाहर निकलने की बहुत कोशिश कर रही है, परंतु बहुत प्रयास करने के बाद भी वह उस छेद से नहीं निकल पा रही और फिर वह बिल्कुल शांत हो गई, मानो उसने अपने प्रयासों से हार मान ली हो ।
उस बच्चे ने निश्चय किया कि वह उस तितली की मदद करेगा । उसने एक कैंची उठाई और तितली के बाहर निकलने के रास्ते को, कोकून के मुख को काटकर इतना बड़ा कर दिया कि वह तितली आसानी से बाहर निकल सके और यही हुआ, वह तितली बिना किसी संघर्ष (Struggle) के आसानी से बाहर निकल आई, पर अब उसका शरीर सूज़ा हुआ था और पंख सूखे हुए थे । वह बच्चा अब तितली (Butterfly) को यह सोचकर लगातार देखता रहा कि वह किसी भी वक्त अपने पंख फैलाकर उड़ने लगेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, बल्कि इसके विपरीत हुआ । वह तितली कभी उड़ नहीं पाई और उसने अपनी बाकी जिंदगी इधर-उधर घिसटते हुए बिताई ।

Moral Of Butterfly Struggle

वह छोटा बच्चा अपने दया भाव में यह नहीं समझ पाया कि दरअसल कोकून से तितली के बाहर निकलने की प्रक्रिया को प्रकृति ने इतना कठिन इसलिए बनाया है, ताकि उसके ऐसा करने से तितली के शरीर में मौजूद तरल पदार्थ उसके पंखों मे पहुँच सके और वह छेद से बाहर निकलते ही उड़ सके । वास्तव में हमारे जीवन में भी संघर्ष (Struggle) ही वह चीज है, जिसकी हमें सचमुच आवश्यकता होती है । यही हमें निखारता है और हर पल अधिक शक्तिशाली, अनुभवी बनाता है । यदि हमें भी बिना किसी संघर्ष के ही सब कुछ मिलने लगे तो न तो हम उसकी कीमत समझेंगे और न ही हम विकसित हो पाएँगे, बल्कि अपंग ही रह जाएँगे । इसलिए जीवन में संघर्ष (Struggle) को खुले दिल से स्वीकारना और अपनाना चाहिए ।